Havan in Sanskrit

ब्रह्मगायत्रीगुरूावितृमंत्र

ओं भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात् स्वाहा

पूर्णाहुत्ाः

ओं सर्वं वै पूर्णं स्वाहा

इति अग्निहोत्रम्

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ब्रह्म्तोत्र
ंगठन ूक्त
भोजन मंत्र
व्रतपते मंत्र
पूजन प्रभो हमारे
जय जगदीश हरे
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जय जगदीश हरे

जय जगदीश हरे, ्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के ंकट, दा जनों के ंकट
क्षण में दूर करे, ओम जय…

जो ध्ावे फल पावे, दुख बिनसे मन का, ्वामी …
सुख सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे तन का

मात पिता तुम मेरे, शरण गहूँ किसकी, ्वामी …
तुम बि और दूजा, आश करूँ किसकी

तुम पूरण परमात्मा, तुम ंतरयामी, ्वामी …
परम ब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके ्वामी

तुम करुणा के ागर, तुम पालन करता, ्वामी …
दी दयालु कृपालु, कृपा करो भरता

तुम हो एक अगोचर सबके प्राण पति,्वामी …
कि विधि मिलूँ दयामी, तुमको मैं कुमति

दी बंधु दुख हरता, तुम रक्षक मेरे, ्वामी …
करुणा हस्त बढ़ाओ, शरण पड़ूं मैं तेरे

विषय विकार मिटावो पाप हरो देवा, ्वामी …
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ ंतन की ेवा

शांति पाठ

द्ौ: शा्तिरन्तरिक्षँ शा्ति:,
पृथ्वी शा्तिराप: शा्तिरोषधय: शा्ति:
वनस्पतय: शा्तिर्विश्वे देवा: शा्तिर्ब्रह्म शा्ति:,
सर्वँ शा्ति:, शा्तिरेव शा्ति:, सा मा शा्तिरेधि
शा्ति: शा्ति: शा्ति: ॥

May there be peace (shaanti) in (Dyauh) the heavenly regions; may there be peace in (antariksham) the atmosphere; may peace reign on (prithivi) earth; may the (aapah) waters be soothing and may the (oshadhaya) medicinal plants be healing. May the (vanaspatayah) plants be a source of peace to all; may the (vishvedevaah) enlightened persons bring us peace; may the (brahma) Vedas and forms of knowledge spread peace throughout; may the (sarvam) all other objects give us peace (may the entire universe bring us peace) and may (shantih eva shantih saa maa shantih edhi) peace itself bring peace unto me.

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